Thursday, 26 April 2018

भारत - नार्डिक देशों का शिखर सम्मेलन : उत्तर यूरोप के साथ दोस्ती का नया युग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच नॉर्डिक देशों- स्वीडन, नॉर्वे, डेनमार्क, फिनलैंड और आइसलैंड के सम्मेलन में शिरकत की, जिसकी सह मेजबानी स्वीडन और भारत के जिम्मे थी।

पांचों नॉर्डिक देश एकसाथ किसी अन्य देश के साथ इस तरह मिल बैठकर बात कर रहे हों, ऐसा मौका इससे पहले सिर्फ एक बार आया है, जब बराक ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका के साथ मिलकर उन्होंने ऐसा ही सम्मेलन किया था।

दूसरा सम्मेलन भारत के साथ हुआ, जिसकी खासियत यह रही कि इसमें राष्ट्र प्रमुखों के बजाय शासन प्रमुख शामिल हुए, ताकि ठोस फैसले लिए जा सकें।

हर देश के शासनाध्यक्ष के साथ प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बातचीत भी हुई, लेकिन सामूहिक सहयोग की संभावनाओं पर बनी सहमति इस आयोजन की सबसे बड़ी उपलब्धि रही।

भारत सरकार के लिए भी इनसे सीखने को काफी कुछ है। इन देशों के साथ भारत का सालाना व्यापार 530 करोड़ डॉलर का है, जबकि भारत में इनका सालाना प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 250 करोड़ डॉलर है।

दोनों पक्षों ने सुरक्षा, आर्थिक विकास और जलवायु बदलाव के मोर्चों पर सहयोग की प्रबल संभावनाएं दर्ज की हैं। मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया और क्लीन इंडिया जैसे कार्यक्रमों को लेकर भारत सरकार की प्रतिबद्धता नॉर्डिक देशों के लिए भी खासी महत्वपूर्ण है। स्वच्छ टेक्नॉलजी, जहाजरानी से जुड़े सहयोग और फूड प्रॉसेसिंग जैसे क्षेत्रों में इन देशों की विशेषज्ञता का फायदा दोनों पक्षों को मिल सकता है।

कुल मिलाकर सहयोग का यह नया दौर दोनों पक्षों के सामने बेहतर भविष्य की तस्वीर पेश कर रहा है।