Wednesday 2 May 2018

गोल्ड कोस्ट - कुल 66 पदकों के साथ खत्म हुआ भारत का अभियान, रचा इतिहास, मिला तीसरा स्थान

ऑस्ट्रेलिया में 21वें कॉमनवेल्थ खेलों के आखिरी 10वें दिन भारत ने 66 पदकों के साथ बहुत ही शानदार अंदाज में अपने शानदार अभियान का समापन किया. यह कुल मिलाकर भारत का खेलों के इतिहास में तीसरा सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. करोड़ों हिंदुस्तानी खेलप्रेमियों की नजरें आखिरी दिन इस बात पर लगी थीं कि क्या भारत साल 2014 में ग्लास्गो के प्रदर्शन को पीछे छोड़ पाएगा या नहीं. और भारतीय दल ने इन उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरते हुए ग्लास्गो के 64 पदकों को पीछे छोड़ते हुए इतिहास रच दिया, लेकिन इसके साथ भारतीयों को थोड़ा यह मलाल जरूर होगा कि वे मैनचेस्टर (साल 2002, 69 पदक) से कुछ ही पीछे रह गए.

21वें कॉमवेल्थ गेम्स के आखिरी दिन भारतीय खिलाड़ी ने फिर से शानदार प्रदर्शन किया। आखिरी दिन भारतीय खिलाड़ियों ने दम दिखाया और उम्मीदों पर खरे उतरते हुए ग्लास्गो के 64 पदकों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। कुल मिलाकर भारत ने 66 पदक जीते। इनमें 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक शामिल हैं। कॉमनवेल्थ खेलों में ये भारत का अभी तक का तीसरा सर्वश्रेस्ट प्रदर्शन रहा। खेलों और 10वें दिन का आखिरी पदक बैडमिंटन पुरुष डबल्स में सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की फाइनल में हार के साथ रजत के रूप में आया।

इससे पहले बैडमिंटन के महिला सिंगल्स इवेंट में गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल दोनों पर भारत ने कब्जा कर लिया है। सायना नेहवाल ने बैडमिंटन के महिला सिंगल्स फाइनल में पी.वी. सिंधु को हराकर स्वर्ण पदक जीता लिया है, वहीं पी. वी. सिंधु को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा।  दुनिया के नंबर एक पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने सिल्वर मेडल जीता। वहीं पुरुष डब्ल्स के बैडमिंटन फाइनल में सात्विक रनकिरड्डी और चिराग चंद्रशेखर रेड्डी ने सिल्वर मेडल हासिल कर लिया। इन दोनों को फाइनल में इंग्लैंड के खिलाड़ियों से मात मिली।

तीसरे स्थान पर रहा भारत


गोल्ड कोस्ट में भारत के नाम कुल 66 मेडल रहे। भारतीय खिलाड़ियों ने 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज मेडल जीते। पदक तालिका में भारत तीसरे स्थान पर रहा। भारत से पहले 45 गोल्ड और कुल 136 पदकों के साथ इंग्लैंड दूसरे तो पहले स्थान पर ऑस्ट्रेलिया रहा। ऑस्ट्रेलिया ने 80 गोल्ड मेडल के साथ कुल 197 मेडल जीते।

भारत का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन


गोल्ड कोस्ट में आए 66 मेडल भारत का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। भारत ने सबसे ज़्यादा कुल 101 मेडल दिल्ली में 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में जीते थे। दिल्ली में भारत ने 38 गोल्ड, 27 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज़ मेडल  जीते थे। इससे पहले 2002 में मेनचेस्टर में खेले गए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने कुल 69 मेडल हासिल किए थे। मेनचेस्टर में भारत के नाम 30 गोल्ड, 22 सिल्वर और 17 ब्रॉन्ज़ मेडल रहे थे।

सायना ने दिलाया सोना


गोल्ड मेडल के लिए आखिरी मुकाबला भारत की सायना और पी.वी. सिंधु के बीच खेला गया। सायना ने सिंधु को 21-18, 23-21 से हराकर गोल्ड अपने नाम किया। सायना इसके साथ राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं।

सायना और सिंधु के बीच एक-एक पॉइंट के लिए जबरदस्त टक्कर देखने को मिली। सायना पहला सेट 21-18 से जीती, वहीं दूसरे सेट में सिंधु ने जोरदार वापसी करते हुए सायना पर शुरुआत में बढ़त बनाई। लेकिन सायना ने आखिरी मौके पर फिर से वापसी की फिर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। पहला गेम सिर्फ 22 मिनट तक चला तो दूसरा गेम खत्म होने में 34 मिनट लगे।

श्रीकांत ने भी जीता सिल्वर


किदांबी श्रीकांत स्वर्ण पदक जीतने में नाकाम रहे। तीन सेट तक चले कड़े मुकाबले में मलेशिया के ली चोंग वी ने 21-19, 14-21, 14-21 से मात देकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया वहीं श्रीकांत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। पहला सेट 23 मिनट, दूसरा सेट 21 मिनट और तीसरा सेट भी 21 मिनट चला।

इसके बाद पुरुष डब्ल्स के बैडमिंटन फाइनल में सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने सिल्वर मेडल हासिल किया। इन दोनों को फाइनल में इंग्लैंड के मार्कस एलिस, क्रिस लैंग्रिज ने हराया। यूके के दोनों शटलर पहले सेट से ही भारतीय जोड़ी पर भारतीय जोड़ी पर भारी पड़ते नजर आ रहे थे। इंग्लिश जोड़ी ने बेहतर तालमेल दिखाया और भारतीय शटलरों ने पहला सेट 21-13 से गंवा दिया। वहीं भारतीय जोड़ी ने दूसरा सेट भी 21-16 से गंवाया।

बैडमिंटन में आया ब्रॉन्ज़


दिन की शुरुआत में टेबल टेनिस के मिक्स्ड डबल्स मुकाबले में भारत को ब्रॉन्ज मेडल मिला। मनिका बत्रा और जी.साथियान की जोड़ी ने हमवतन अचंत शरत कमल और मौमा दास की जोड़ी को 11-6, 11-2, 11-4 से हराया। इन कॉमनवेल गेम्स में मनिका बत्रा का यह चौथा मेडल रहा।